भारत के विकास का इतिहास: प्रस्तावना
“भारत के विकास का इतिहास” केवल एक सरकार का कार्यकाल नहीं, बल्कि स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर आज तक का समग्र चित्र है। आज के राजनीतिक विमर्श में जब यह कहा जाता है कि “2014 के बाद ही असली विकास हुआ” — तब ज़रूरी है कि हम 1947 से 2024 तक के ठोस उदाहरणों और तथ्यों के साथ इस दावे की जांच करें। यह लेख इसी संदर्भ में भारत के विकास की बहुआयामी यात्रा को उदाहरणों के साथ विश्लेषण करता है।
भारत के विकास का इतिहास: 1947 से 2014 तक का नींव और निर्माण की यात्रा
सामाजिक स्थिति:
- 1947 में साक्षरता दर केवल 17% थी, जो 2014 तक बढ़कर 74% हो गई। (Source: Census India)
- जीवन प्रत्याशा: 1947 में 32 वर्ष थी, 2014 में यह 68 वर्ष तक पहुंच गई। (World Bank)
- महिलाओं को मताधिकार, शिक्षा का अधिकार (RTE), आरक्षण नीति, मिड-डे मील जैसी योजनाएं आम लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बने।
- दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को शिक्षा, नौकरी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में आरक्षण दिया गया, जिससे सामाजिक समावेशिता में बढ़ोतरी हुई।
आर्थिक नीति और उदाहरण:
- पंचवर्षीय योजनाएँ (1951–2014): योजना आयोग के माध्यम से कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और उद्योग के क्षेत्र में व्यवस्थित निवेश किया गया।
- हरित क्रांति (1965-70): पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं और धान उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना।
- श्वेत क्रांति (1970s): ऑपरेशन फ्लड से भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बना।
- उदारीकरण 1991: डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था का निजीकरण, उदारीकरण और वैश्वीकरण हुआ। भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक उभरती शक्ति के रूप में उभरा।
- 2004–2014: आधार योजना (UIDAI), MGNREGA, RTI, Right to Education, Food Security Act जैसे कानूनों से समाज के सबसे निचले तबके को सुरक्षा मिली।
तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति:
- ISRO: 1975 में आर्यभट्ट, 2008 में चंद्रयान-1, 2013 में मंगलयान – विश्व की सबसे सस्ती और सफल अंतरिक्ष मिशन।
- स्वदेशी रक्षा प्रणाली: DRDO, HAL, BEML ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की शुरुआत की।
- IITs, AIIMS, BHEL, NTPC: तकनीकी और औद्योगिक प्रगति के स्तंभ।
- टेलीकॉम क्रांति (2000–2014): मोबाइल और इंटरनेट सेवा की पहुंच गांवों तक। BSNL और MTNL की भागीदारी।
वैश्विक स्थिति और कूटनीति:
- NAM (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) में नेतृत्वकारी भूमिका।
- 2005: US-India Civil Nuclear Deal से भारत को परमाणु ऊर्जा में वैश्विक मान्यता मिली।
- BRICS, G20, SAARC: इन समूहों में भारत की सक्रिय भागीदारी।
2014 के बाद का भारत: विकास की रफ्तार या सामाजिक बंटवारा
आर्थिक स्थिति: प्रचार बनाम हकीकत
- नोटबंदी (2016): नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर एक बड़ा कदम बताया गया, लेकिन असंगठित क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ। GDP में तत्काल 1.5% गिरावट आई। (RBI Annual Report)
- GST (2017): एक राष्ट्र एक टैक्स का उद्देश्य सराहनीय था, लेकिन शुरुआती दौर में व्यापारियों और MSMEs को भारी दिक्कतें हुईं।
- बेरोजगारी: 2022–2024 के दौरान CMIE के अनुसार बेरोजगारी दर 7% से ऊपर बनी रही।
- महंगाई: खुदरा महंगाई दर (CPI) 2023 में 6.5% से ऊपर रही। (Source: RBI)
सकारात्मक पहलू:
- UPI और डिजिटल इंडिया: भारत डिजिटल ट्रांजैक्शन में विश्व में अग्रणी बन गया। Google Pay, PhonePe, BHIM जैसे ऐप्स ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचे।
- आयुष्मान भारत योजना: सरकार का दावा – 50 करोड़ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा। (हालांकि कई रिपोर्ट इस दावे को क्षेत्रीय असमानता के साथ चुनौती देती हैं)
- PM Awas Yojana: 2024 तक 3.2 करोड़ ग्रामीण घर बन चुके हैं।
सामाजिक बदलाव और ध्रुवीकरण:
- धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण: NRC, CAA, राम मंदिर मुद्दा, हिजाब विवाद, लव जिहाद जैसे विषयों पर समाज में विभाजन देखा गया।
- मीडिया की स्वतंत्रता: रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 2024 में 161वें स्थान पर पहुंच गया। (2021 में 142वां स्थान था)
- मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चिंता: एक्टिविस्ट्स की गिरफ़्तारी, विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई, RTI कमजोर पड़ना।
संस्थानों और लोकतंत्र पर प्रभाव:
- CBI, ED, IT जैसे संस्थाओं का दुरुपयोग: विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के आरोप।
- संसद में बहस के बिना विधेयक पास: कृषि कानून, नागरिकता कानून जैसे उदाहरण।
- EC, SC जैसे संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न।
भारत के विकास का इतिहास: 2014 के बाद संस्थाओं की निष्पक्षता पर उठते सवाल
संस्था | कार्रवाई | टारगेट नेता | स्रोत लिंक |
---|---|---|---|
CBI | शराब नीति केस | मनीष सिसोदिया | The Hindu |
ED | मनी लॉन्ड्रिंग | हेमंत सोरेन | Indian Express |
IT | रेड्स | टीएमसी नेताओं पर | India Today |
संसद | बहस के बिना कानून | कृषि कानून | BBC Hindi |
EC | धीमी प्रतिक्रिया | पीएम प्रचार केस | Scroll.in |
SC | मौन रुख | EVM, RTI, धारा 370 | The Wire |
4. तुलनात्मक वर्गीकरण: 1947–2014 बनाम 2014–अब तक
मानक | 1947–2014 | 2014–अब तक |
---|---|---|
GDP ग्रोथ | 6–8% औसतन | महामारी के बाद अस्थिरता, रिकवरी धीमी |
संस्थाएं | ISRO, IITs, AIIMS, RTI, UIDAI | UPI, PMJAY, Digital India, DBT |
रोजगार | MGNREGA, सरकारी भर्तियाँ, IT सेक्टर | स्किल इंडिया, बेरोजगारी में वृद्धि |
वैश्विक स्थिति | NAM, BRICS, G20, UN में स्थिरता | G20 अध्यक्षता, QUAD साझेदारी, चीन से सीमा विवाद |
लोकतंत्र | प्रेस स्वतंत्रता, RTI, न्यायपालिका स्वायत्त | प्रेस पर अंकुश, RTI कमजोर, विपक्षी दमन के आरोप |
सामाजिक नीति | शिक्षा अधिकार, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक आरक्षण | धार्मिक राष्ट्रवाद, नागरिकता विवाद, धार्मिक असहिष्णुता |

5. भारत के विकास का इतिहास : भारत के विकास की दिशा
“भारत के विकास का इतिहास” दरअसल नीतियों, संस्थाओं और जनता के सामूहिक प्रयास का इतिहास है। 1947 से 2014 तक भारत ने एक स्थायी लोकतंत्र, स्वतंत्र संस्थाएं और आर्थिक नींव तैयार की।
2014 के बाद डिजिटल और तकनीकी दृष्टि से निश्चित रूप से कई उपलब्धियां हैं, परंतु यह भी उतना ही सत्य है कि सामाजिक समरसता, संस्थागत स्वतंत्रता और रोजगार जैसे क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण हालात बने हुए हैं।
हमें भारत के विकास को प्रचार से अलग कर, आंकड़ों और जनजीवन की वास्तविकता से मापना होगा। विकास केवल GDP या ऐप्स नहीं, बल्कि यह न्याय, समानता, शिक्षा और अभिव्यक्ति की आज़ादी का समुचित समावेश है।
6. भारत के विकास का इतिहास : स्रोत और संदर्भ लिंक
- World Bank – India Data
- RBI Annual Reports
- CMIE Unemployment
- Press Freedom Index – RSF
- India Budget – Economic Survey
- NITI Aayog Reports
Internal Linking (AryaLekh.com Articles):
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