IISER भोपाल का बायोडीज़ल इनोवेशन: केले के छिलके और प्लास्टिक कचरे से ऊर्जा का भविष्य
IISER भोपाल के वैज्ञानिकों ने केले के छिलके और प्लास्टिक कचरे से सस्ता और पर्यावरण-अनुकूल बायोडीज़ल बनाने की नई तकनीक विकसित की है। ‘को-पैरोलीसिस’ प्रक्रिया से तैयार यह पायरो-ऑयल डीज़ल इंजनों में 20% तक मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह शोध न केवल प्लास्टिक प्रदूषण को कम करेगा बल्कि कचरे को ऊर्जा में बदलने की दिशा में भारत को नई पहचान दिलाएगा।
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