Skill India का UP मॉडल उत्तर प्रदेश के युवाओं को जिले स्तर पर नौकरी और प्रशिक्षण देकर सशक्त बना रहा है। हर युवा को उसके कौशल के अनुसार अवसर देने की यह पहल बदलाव की नई राह खोल रही है।
उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और जनसंख्या-घनत्व वाले राज्य में बेरोजगारी एक बड़ी सामाजिक और आर्थिक चुनौती रही है। इस चुनौती का समाधान खोजने हेतु राज्य सरकार ने एक “जिला स्तरीय भर्ती अभियान (Recruitment Drive)” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य है — हर जिले के युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार से जोड़ना। इस पहल को “मिशन रोजगार” और “कौशल साथी अभियान” जैसे कार्यक्रमों के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।
भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में रोजगार एक दीर्घकालिक चिंता रही है, विशेषकर युवाओं के लिए। जहां एक ओर शिक्षित युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी और निजी नौकरियों की उपलब्धता उनके अनुपात में नहीं है। इन परिस्थितियों में राज्य सरकार की ओर से एक नया प्रयास सामने आया है — हर जिले में रोजगार देने के लिए कौशल विकास आधारित “Recruitment Drive”।
यह योजना न केवल बेरोजगारी दर को कम करने का उद्देश्य रखती है, बल्कि स्थानीय संसाधनों और क्षमता का उपयोग करके युवाओं को स्वरोजगार और उद्योगों से भी जोड़ती है।
Table of Contents

1. Recruitment Drive का उद्देश्य
इस अभियान के मुख्य उद्देश्य हैं:
- युवाओं को रोजगार-योग्य प्रशिक्षण देना।
- स्थानीय रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।
- राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न कौशल विकास योजनाओं का समन्वय करना।
- निजी कंपनियों के साथ साझेदारी के जरिए सीधे प्लेसमेंट सुनिश्चित करना।
उदाहरण: लखनऊ में आयोजित ‘Mega Job Fair’ में 2,000 से अधिक युवाओं को कंपनियों ने ऑन-द-स्पॉट जॉब ऑफर दिए।
भर्ती अभियान की पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2023 के अंत में एक नई योजना की घोषणा की, जिसके तहत प्रत्येक जिले में एक समर्पित “रोजगार योजना प्रकोष्ठ” (Employment Cell) स्थापित किया गया है। इसका लक्ष्य है:
- युवा पंजीकरण,
- कौशल मैपिंग,
- प्रशिक्षण उपलब्धता,
- नौकरी का मिलान
आंकड़ा:
2023 में NSO द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 15–35 वर्ष की आयु के 1.2 करोड़ युवा बेरोजगार या अर्ध-रोजगार की स्थिति में थे।
2. कौशल विकास का एजेंडा
प्रशिक्षण क्षेत्रों की सूची:
- डिजिटल मार्केटिंग
- ड्रोन ऑपरेशन और IoT टेक्नोलॉजी
- हेल्थकेयर और मेडिकल असिस्टेंट
- इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर
- इलेक्ट्रॉनिक रिपेयरिंग
- फूड प्रोसेसिंग
- ब्यूटी एंड वेलनेस
- एग्रीकल्चर आधारित बिजनेस स्किल्स
उदाहरण: गोरखपुर जिले में युवाओं को ‘डिजिटल डाक सेवक’ बनाने के लिए CSC और डाक विभाग के सहयोग से विशेष प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं।
कौशल विकास के प्रमुख क्षेत्र
सरकार ने 25 से अधिक क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण की सुविधा दी है, जिसमें से प्रमुख हैं:
क्षेत्र | प्रशिक्षण उपलब्ध संस्था |
---|---|
डिजिटल मार्केटिंग | CSC Academy, Skill India Center |
हेल्थ असिस्टेंट | Apollo MedSkills, NHM-NSDC |
ड्रोन टेक्नोलॉजी | Drone Destination, IIT Kanpur |
इलेक्ट्रिशियन | ITI एवं शॉर्ट टर्म कोर्स |
फूड प्रोसेसिंग | Krishi Vigyan Kendra (KVK) |
मऊ जिले के एक युवा, रवि यादव, ने कौशल केंद्र में तीन महीने का डिजिटल मार्केटिंग कोर्स किया और अब ₹15,000/माह की फ्रीलांसिंग कर रहे हैं।

3. आँकड़े और उपलब्धियाँ
वर्ष | प्रशिक्षित युवा | प्लेसमेंट |
2022 | 1.6 लाख | 87,000 |
2023 | 2.3 लाख | 1.2 लाख |
2024 (Q1) | 78,000 | 42,000 |
स्रोत: उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन रिपोर्ट, 2024
उदाहरण: प्रयागराज में “Rozgar Mela” में 1,500 युवाओं को Maruti Suzuki और TCS जैसी कंपनियों में इंटरव्यू के बाद चयन किया गया।
आंकड़ों में सफलता की कहानी
जिला | प्रशिक्षित युवा | प्लेसमेंट |
---|---|---|
वाराणसी | 8,520 | 4,100 |
बरेली | 5,000 | 2,700 |
कानपुर | 10,000 | 6,500 |
गोरखपुर | 7,800 | 4,300 |
स्रोत: UPSDM एवं NSDC रिपोर्ट, जनवरी 2025
4. जिला प्रशासन की भागीदारी
- डीएम (District Magistrate) की निगरानी में प्रत्येक जिले में “Mega Placement Camps” का आयोजन किया जाता है।
- ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना पहुंचाने के लिए ‘रोजगार मित्र’ और ‘कौशल साथी’ तैनात किए गए हैं।
- जिला रोजगार कार्यालय और PMKVY Training Centers समन्वय में काम कर रहे हैं।
उदाहरण: बलरामपुर जिले में 2024 में आयोजित मेले में 500 से अधिक ग्रामीण युवाओं को हाउसकीपिंग, डाटा एंट्री, और सेल्स में रोजगार मिला।
प्रमुख गतिविधियाँ:
- प्रत्येक जिले में मासिक रोजगार मेले
- कौशल साथी योजना – हर ग्राम पंचायत में एक समर्पित कौशल स्वयंसेवक
- डीएम की निगरानी में टास्क फोर्स गठन
- पंचायत स्तर तक डिजिटल स्क्रीनिंग
उदाहरण: हरदोई जिले में “रोजगार रथ” योजना के अंतर्गत गाड़ियों पर LED डिस्प्ले के माध्यम से 50+ गांवों में नौकरी और प्रशिक्षण की जानकारी दी गई।
5. मुख्य संस्थाएं और भागीदार
- UPSDM (उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन) – कार्यान्वयन एजेंसी
- NSDC (National Skill Development Corporation) – तकनीकी सहयोग
- Skill India, PMKVY, DDU-GKY, NULM – योजना सहयोग
- CSC Academy, ITI Colleges – प्रशिक्षण स्थल
- निजी कंपनियां जैसे:
- Tata Motors,
- Infosys,
- Bajaj,
- Amazon India
जो placement camps में शामिल हो रही हैं।
6. डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग
- एकीकृत पोर्टल www.upsdm.gov.in पर पंजीकरण
- Rojgar Sangam App से मोबाइल पर प्रशिक्षण और अवसर की जानकारी
- SMS, WhatsApp और कॉल के ज़रिए युवाओं को इंटरव्यू और ट्रेनिंग अपडेट
- ऑनलाइन प्रमाण पत्र और स्किल रिपोर्टिंग सिस्टम
उदाहरण: सिद्धार्थनगर के रामू कुमार ने घर बैठे मोबाइल से पंजीकरण किया और Amazon के फुलफिलमेंट सेंटर में नौकरी प्राप्त की।
राज्य सरकार ने विशेष पोर्टल और ऐप बनाए हैं ताकि युवाओं को हर स्तर पर जानकारी और आवेदन की सुविधा मिले:
प्लेटफॉर्म | कार्य |
---|---|
UPSDM Portal | रजिस्ट्रेशन, प्रमाणपत्र |
Rojgar Sangam | जॉब अलर्ट, इंटरव्यू कॉल |
Kaushal App | ऑनलाइन कोर्स मॉड्यूल्स |
PMKVY Tracker | ट्रेनिंग केंद्र स्थिति |
Source: Uttar Pradesh Legislative Assembly (UPVidhanSabha) official website timescontent.timesofindia.com+6gettyimages.in+6alamy.com+6upvidhansabhaproceedings.gov.in
7. राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय
उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं से समन्वय कर रही है:
योजना | उद्देश्य |
---|---|
PMKVY (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना) | मुफ्त प्रशिक्षण और प्रमाणन |
Skill India Mission | भारत को ‘कौशल युक्त राष्ट्र’ बनाना |
DDU-GKY | ग्रामीण युवा रोजगार |
Startup India / Standup India | स्वरोजगार और उद्यमिता |
ग्रामीण और कमजोर वर्गों के लिए विशेष पहल
- महिला प्रशिक्षण केंद्र
- SC/ST/OBC युवाओं के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण
- हस्तशिल्प, बुनाई, और जैविक खेती में स्थानीयता आधारित कौशल विकास
उदाहरण: बुंदेलखंड क्षेत्र में महिलाओं के लिए ब्यूटी एंड वेलनेस कोर्स चलाकर 350 महिलाओं को स्थानीय रोजगार से जोड़ा गया।
8. प्रमुख चुनौतियाँ
समस्या | सुझाव |
---|---|
ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी की कमी | डिजिटल जागरूकता अभियान |
महिलाओं की कम भागीदारी | महिला विशेष शिविर |
स्किल-ट्रेनिंग की गुणवत्ता | ट्रेनर की मान्यता प्रणाली |
प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेंट ट्रैकिंग | AI आधारित ट्रैकिंग सिस्टम |
उदाहरण: अमेठी में एक NGO ने बताया कि 200 लड़कियों को प्रशिक्षण के बावजूद नौकरी नहीं मिली क्योंकि प्लेसमेंट कंपनियों की निगरानी नहीं हो रही थी।
9. युवा दृष्टिकोण और प्रतिक्रिया
युवाओं ने इस पहल को उम्मीद की किरण बताया है।
“पहली बार लगा कि सरकार रोजगार को लेकर गंभीर है।” – अनुराग मिश्रा, कानपुर
“अगर समय पर जानकारी मिले और प्लेसमेंट पक्का हो, तो यह योजना सफल होगी।” – प्रिया सिंह, वाराणसी
नीति निर्माताओं के लिए सुझाव
- प्रशिक्षण से रोजगार तक की सीधी लिंक सुनिश्चित की जाए।
- AI आधारित ट्रैकिंग सिस्टम से लाभार्थियों की निगरानी हो।
- प्राइवेट कंपनियों को CSR के तहत रोजगार में जोड़ा जाए।
- प्रशिक्षण केंद्रों की निरंतर ऑडिटिंग की जाए।
उत्तर प्रदेश में चल रहा यह Recruitment Drive न केवल एक प्रशिक्षण अभियान है, बल्कि यह युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि पारदर्शिता, निरंतर निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है, तो यह कार्यक्रम राज्य को रोजगार-युक्त उत्तर प्रदेश की ओर ले जा सकता है।
“कौशल है तो अवसर है — और अवसर है तो आत्मनिर्भरता संभव है।”
National Skill Development Corporation (NSDC)
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